Thursday 16 January 2020


क्या आप जानते हैं आपको कौन बेहतर जानता है? आप खुद्द ही

राजा ! मुझे पता है, तुम थक गए हो।, हारे नाही हो , अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दो चीजोंकी आवश्यकता है : सकारात्मकता और दृढ़ता

जिस तरह एक बूंद एक तालाब को भर सकती है, उसी तरह एक छोटा सा मोड़ या रास्ता से दिशा बदल सकती है, ऐसे ही छोटे विचार भी जीवन को बदल सकते हैं।

गलती कहा होती है बताऊँ ? हर पल निर्णय को बदलते रहने वाली वृत्ति। ऐसी वृति तुझे ध्येय तो दिखाएगी , पर वहाँतक पहुँचने नहीं देगी

अगर आप जीवन में असफल हैं, तो संकोच न करें, कीमती वस्तु को पाने के लिए भी  मजबूत दरवाजे से गुजरना पड़ता  है। उसी तरह 
यश को प्राप्त करने के लिए, अपयश से गुजरना पड़ता है

वास्तव में अपयश क्या है? निर्धारित समय पर नहीं हुआ तो अपयश ? अगर यही असफलता है, तो आपको निर्धारित समय के बाद  कुछ मिलता है तो वह क्या है?

अगर कोई आपको गुस्सा दिलाता है या नाराज करता है, तो उसे बताएं कि आप रास्ता चूक गए हैं।

जीवन में, सकारात्मक सोच, अच्छी संगति और समय को कीमत देने की बहुत आवश्यकता है।

बेटा  ! सभी काम बीचमे ही छोड़कर बादमे एकसाथ करोगे क्या ? हाथमे लिया हुआ काम पूरा कर के ही, फिर दूसरे काम को शुरुवात कर ।

बिना सोचे समझे किसी भी चीज में जल्दबाजी में 'हा' ना करें, अगर आप नहीं करना चाहते हैं, तो आप मना कर सकते हैं। कुछ बुरा नहीं है उसमें

हर महीने अच्छी और नयी आदतें लगाए, क्योंकि नयी आदतें आपको बेहतर जीवन देंगी।

दिन में कुछ समय के लिए अकेले रहें। सोचें कि आज क्या हुआ, क्या करना है, आपके मन में भी स्पष्ट रहे, इससे शांति प्राप्त होगी

आपके पास अपने जीवन में कभी कोई विकल्प नहीं होना चाहिए, अपनी सारी ऊर्जा उस कार्य में लगाएं जो आप कर रहे हैं

यदि आप अपनी सफलता की कहानी खुद लिखना चाहते हैं, तो अपनी इच्छाशक्ति को  इतना मजबूत करें कि आपके सामने बड़ी समस्याएँ भी छोटी लगने लगेगी ।

गरीब और अमीर के बीच अंतर यह है कि वे कैसे समय का उपयोग करते हैं, क्योंकि वे दोनों के पास बुद्धि है, लेकिन वे इसका उपयोग कैसे करते हैं यह महत्वपूर्ण है।

आपकी पसंद आपके भाग्य को निर्धारित करेगी, इसलिए सही और गलत का चयन करते समय सावधानी बरतें, गलती हुई तो उससे सीखें और फिर से वही गलती न करें।

जिन कामों को करने में डर लगता है, उन्हें ही पहला करें, क्योंकि डर मन में है, बात में नहीं, अगर डर उस चीज में होता, तो हर कोई डर जाता।

वास्तव में वही ज्ञानी है, जो दूसरों के दुःख को जानता है फिर उनकी मदद करता है, और मैं ऐसे ज्ञानियों का ऋणी हूं ।

यदि कोई व्यक्ति आपको विपरीत बोलती है, तो उन्हें कहने दे ।' मैंने जो रास्ता दिखाया है, आप उसका पालन करें, क्योंकि उन्हें चुप कराने का यही तरीका है।

शब्द,वाणी अनमोल रत्न है , ये वो हि जानता है, जो इसकी कीमत जानता है । अर्थात शब्दों का इस्तेमाल संभल कर करे , क्योंकि उनका प्रभाव पड़ता ही है

समय को भी कीमत है ,इसे बुद्धिमानी से उपयोग करें, समय का उपयोग एक कंजूस व्यक्ति के रूप में करें।

उन लोगों को धन्यवाद दो, जो आपका अपमान करते हैं, क्योंकि वे साबुन और पानी के बिना आपके अपराध को धो रहे हैं,
संक्षेप में? यदि आप अपनी गलती पाते हैं, तो इसे सुधारें,

तेरे  पास उत्तम बुद्धि है, उससे जान कि सही और गलत क्या है, समझ रहकर भी तू  यदि बुरी संगति में पड़ जायेगा, तो उत्तम बुद्धि किस काम की ?

जय-पराजय मन पर निर्भर है, यदि आप अपने माणसे हारते है , तो हार निश्चित है। यदि अपने निर्णय पर दृढ है तो जीत पक्की है ।

केवल विश्वास से ही आप ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं, यदि आप ईश्वर में विश्वास रखते हैं, तो ईश्वर निश्चित रूप से प्राप्त होगा , यदि आपके पास विश्वास नहीं है, तो आप उसे प्राप्त नहीं कर सकते ।

तुझे लोगों के लिए नहीं , बल्कि खुद को कैसे जीना है, वैसे जी । लोगों का क्या उनकी राय बदलती ही रहती है ।

एक बार जब आप जीतने का फैसला करते हैं, तो कोई भी आपको हरा नहीं सकता है, आप खुद भी नहीं ।

अगर आप तनाव में हैं या आपके मन नुसार नहीं हो रहा, तो शांत रहें, चिल्लाने से आपको ही नुकसान होगा, बल्कि,आपकी शांतता ही सामने वाले व्यक्ति को जवाब देगी,

मेरे भक्तों का मार्गदर्शन करना मेरा काम है, अगर उन्हें  रास्ता ना दिखे या नहीं जा सकते , तो उन्हें अलग से उठाना मेरा काम है, क्योंकि कारण एक ही !  उनका मुझपर रहा दृढ़ विश्वास

आपकी भक्ति आपको मेरे पास ले आती है, और भक्ति में रहा विश्वास मुझे आपके पास ले आता है ।

अन्याय को कभी बर्दाश्त न करें, या अन्याय होते देख चुप न रहें , सहन करने से ही अन्याय को बढ़ावा मिल जाता है ।

यदि आप बिना किसी कारण के घबराते हैं या डरते हैं, तो मुझे विश्वास के साथ बुलाएं, आप मुझे अपनी पीछे अनुभव करेंगे,

क्या तू जानता है ? मैं तुझे बुलाने के लिए क्यों कहता हु ? क्योकि तेरे बुलावे में एक आनंद रस है , जो मुझे चाहिए होता है ।

जब आप कड़ी मेहनत कर रहे हों, तो थोड़ी देर रुके , एक बार आप देखें कि श्रम सही दिशा में है या नहीं ।

भक्ति के मार्ग में, प्रेम मुख्य है, कर्म के मार्ग में निस्वार्थ भावना मुख्य है; ध्यान मार्ग में आलस्य का त्याग मुख्य है , और ज्ञान मार्ग में परमात्मा का ज्ञान मुख्य है ।

स्वामी और उनके भक्तों के बीच कोई अंतर नहीं है, स्वामी कहते हैं, भक्त सुनता है, और भक्त कहता है,स्वामी सुनता है, हमारे पास कहने और सुनने की परंपरा है।

Happy Guru ji

Author & Editor

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